घीसा संत खेकड़ा दरबार के अभी वर्तमान के को महंत देवेंद्र दास महाराज है
श्री श्री 1008 सतगुरु घीसा संत बंदी छोड़
यह आश्रम महाराज ढिंडे दास के शिष्य प्रणाली से है
परम संत ढिंडे दास जी बंदी छोड़ घिसा संत जी सत्पुरुष के अति प्रियः शिष्य है
श्री श्री 1008 परम संत ढिंडे दास जी बंदी छोड़
परम संत ढिंडे दास जी बंदी छोड़ के अति प्रियः शिष्य परम संत छोटू दास महाराज जो की हलालपुर आश्रम (सोनीपत हरियाणा) के संस्थापक रहे है
इस आश्रम के अभी वर्तमान के महंत श्री रिशाल दास जी महाराज है
श्री श्री 1008 परम संत छोटू दास जी बंदी छोड़
परम संत छोटू दास जी बंदी छोड़ के अति प्रियः शिष्य पाल्हो माई और परम संत ढेल्हे दास जी महाराज जो की सिम्भलहा गुजरान आश्रम (सोनीपत हरियाणा) के संस्थापक रहे है
परम संत ढेल्हे दास जी बंदी छोड़ के अति प्रियः शिष्य परम संत हरीहरदयाल (हरि दास जी महाराज जो की महावटी समालखा(पानीपत हरियाणा) आश्रम के संस्थापक रहे है
इस आश्रम के अभी वर्तमान के महंत श्री रज्जब दास जी महाराज है
श्री श्री 1008 परम संत हरी हर दयाल दास जी बंदी छोड़
Ghisa Sant Ghisa das Ghisa Panthi Ghisa Sant Ashram
महावटी आश्रम समालखा(पानीपत हरियाणा)
परम संत हरीहरदयाल (हरि दास जी महाराज) जी बंदी छोड़ के अति प्रियः और प्रथम शिष्य परम संत रति राम दास गुदड़ी वाले (मोजी साहेब ) की भापरा घिसा संत आश्रम समालखा (पानीपत हरियाणा) आश्रम के संस्थापक रहे है
श्री श्री 1008 परम संत रति राम दास गुदड़ी वाले जी (मोजी साहेब)
परम संत रति राम दास गुदड़ी वाले जी को संस्थापक हम भले ही हम बोल रहे हो लकिन वो रमते फ़क़ीर थे
कुछ समयः ही एक स्थान पर रहते थे फिर भर्मण करते रहते रहे है
और उन्होंने बाकि भी आश्रम मै कुछ कुछ समय व्यतीत किया है
लकिन उनके होते हुए कभी भी किसी भी आश्रम मै निर्माण कार्य को अनुमति नहीं थी
यह आश्रम उनकी स्मृति से जुड़ा हुआ स्थान है क्योकि उनका स्थूल शरीर का त्याग कर परिनिर्वाण उनका इसी स्थान पर हुआ था
इस आश्रम के अभी वर्तमान के महंत श्री नफे दास जी महाराज है
परम संत हरीहरदयाल (हरि दास जी महाराज) जी बंदी छोड़ के अति प्रियः और लघु शिष्य परम संत चैतन्य देव जिनका घिसा संत के ग्रंथ को संग्रह करने मई बहुत बड़ा सहयोग था