सत्यः कबीर श्री घिसा राम बंदी छोड़ श्री घिसा राम
खाली जीभा है किस काम मुख से बोलो राम ही राम
घीसा पंथी डेरा (दरबार साहेब)- संत रतिराम जी महाराज जी की स्मृति में स्थापित भक्तों के लिए भापरा घिसा संत आश्रम (समालखा(पानीपत) बस स्टैंड से सिर्फ 1 किलोमीटर) दूरी पर है दरबार साहेब के नाम से भी जाना जाता है,
जिन्हें मौजी साहेब जी महाराज के नाम से भी जाना जाता है ....
लेकिन "गुदड़ी वाले महाराज" के रूप में अलग पहचान मिली। ।
क्योकि उन्होंने गुदरी (रजाई ) को 14 वर्षो लगातार तक अपने स्थूल शरीर पर रखा और गुरु कृपा से साधना की जिस की वजह से गुरु कृपा से उनको इस नाम से नवजा गया था
महाराज रति राम मौजी साहेब ने 12 वर्षो तक अनाज घ्राणः नहीं किया था उनको कुछ और सब्दो से भी नवजा गया है वर्ष चतुर्दस दूधाधारी सहित गुदरी ज्ञान गुरु महिमा से सेल हमेशा बेहद के मैदान
यह प्रसिद्ध है कि उन्होंने कभी भी अपने डेरा में किसी भी निर्माण की अनुमति नहीं दी।
उन्हें "घीसा पंथी ग्रंथ साहिब" के शबद-गुरबानी के संग्रह में बहुत योगदान दिया गया है, उनका और उनके लघु गुरु भाई चैतन्य देव की बहुत बड़ी भूमिका रही थी जो 1940 से 1945 के बीच छपा हुआ लगता है।
घिसा पंथियों के सबसे लोकप्रिय संतों में, वे डेरा खेखड़ा (बागपत) डेरा में अत्यधिक पूजनीय हैं।
हलालपुर(सोनीपत),
डेरा महावती(समालखा(पानीपत),
बिहोली के पास शिंभाला (समालखा(पानीपत) का डेरा।
भादवे-की-पूर्णिमा पर सालाना महराज रति राम गुदड़ी वाले (मौजी साहेब ) की याद मै मनाया जाता है चतुर्दशी को रात को गुरु महिमा की सबद वाणी का गुणगान किया जाता है यह संध्या आरती के बाद संध्या प्रसाद के बाद रात से ले कर सुबह प्रभात 4 :00 am तक बह्रम भेदी का वर्णन करके पूर्णं किया जाता है
जिस में संतो की वाणी और गुरु महिमा तत्व ज्ञान की वाणी भी शामिल होती है
भापरा आश्रम में दूर-दूर के स्थानों से आकर्षित हुए सत्संगियों का महामहिम है ....
. BHAGTI का एक स्थान और शबद-बानी का ऐतिहासिक मूल्य और विविधता, लेकिन मार्ग से ठीक से संरक्षित नहीं समय की। क्योंकि रतीराम जी महाराज, एक सच्चे फ़कीर होने के नाते, कभी भी अपने अपाहिजों के स्थानों से जुड़े नहीं थे, और यहां तक कि अपने अनुयायियों द्वारा दी गई निर्माण सामग्री को भी हटा दिया था। उन्होंने 1962 के आसपास इस ब्रह्मलीन हो गए
महाराज रति राम जी गुदरी वाले (मौजी साहेब ) के बहुत शिष्य सारे हुए कुछ प्रमुख शिष्य
सतगुरु महाराज श्री राम जी दास
सतगुरु महाराज श्री संते दास
सतगुरु महाराज श्री रूप दास
सतगुरु महाराज श्री बक्शी दास
सतगुरु महाराज श्री नन्द दास
सतगुरु महाराज श्री नेकी दास.
सतगुरु महाराज श्री सुरत दास.
सतगुरु महाराज श्री आत्म प्रकाश .
सतगुरु महाराज श्री मान सिंह .
सतगुरु महाराज श्री मेहर दास.
सतगुरु महाराज श्री रोशन दास.
.............. सत साहिब जी ..... सत साहिब जी