अक्टूबर तालिक 2025
October Tableमीराबाई
(साखी)॥ ॥(साखी)-॥
मैं कैसे जाउँ श्याम-नगर घर दूर रैन अँधेरी बीजल चमके नदियाँ वहे जल पूर
बसो मेरे नैनन में नंदलाल मोहिनि मूर्ती साँवरि सूरति नैना बने विशाल अधर-सुधा-रस मुरली राजत उर बैजन्ती-माल छुद्र घन्टिका कट तट शोभित नूपुर शब्द रसाल 'मीराँ प्रभू संतन सुख-दाई भक्त बछल गोपाल